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Showing posts from November, 2020

Jitne muhn utni baten hindi kahani | हिंदी कहानी जितने मुंह उतनी बातें

  हिंदी कहानी - जितने मुंह उतनी बातें बहुत समय पहले एक व्यापारी था उसके पास एक गधा था वह और उसका बेटा प्रत्येक सुबह अपना सामान गधे पर रखकर शहर बेचने जाते थे और शाम को शहर से वापस लौटते समय गधे पर कोई सामान नहीं होता था एक दिन जब शाम को व्यापारी और उसका बेटा गधे के साथ वापस लौट रहे थे तो रास्ते में एक राहगीर व्यापारी से बोला कि - "गधे पर कोई सामान नहीं है। तुम अपने बेटे को गधे  पर बिठा दो।"  व्यापारी को राहगीर की बात उचित लगी उसने अपने बेटे को गधे पर बिठा दिया और आगे चल पड़ा । कुछ दूरी तय करने के बाद उन तीनों को फिर से एक राहगीर मिला बेटे को गधे  पर देखकर बोला बूढ़ा बाप तो पैदल चल रहा है और गधे पर आराम से सवारी कर रहा है ।   व्यापारी का बेटा गधे पर से उतर कर अपने पिता से बोला - "पिताजी आप बैठ जाइए।"  व्यापारी गधे पर बैठ गया और चल पड़ा ।कुछ दूर आगे चलकर फिर से एक और राहगीर मिला उसने कहा कि- "अरे भाई गधे पर अपने बेटे को भी बिठा लो इतना छोटा बच्चा पैदल चल रहा है।" राहगीरके कहने पर व्यापारी और उसके पुत्र गधे पर बैठ कर चल पड़े । गधा वजन अधिक होने के कारण ...

प्रेरणा कविता | Prerana dene wali kavita

  प्रेरणा कविता प्रेरणा देती हैं मुझे ये धरा , जो हम सब को देती है वत्सल निरा। हमारा पालन-पोषण करती है, हमें अपनी गोद में उठाए घूमती है । बिना रुके बिना थके अपनी धुरी पर, ममता से भरा हुआ ह्रदय लेकर। प्रेरणा देते हैं मुझे ये खग, नीला अम्बर है इनका जग। जो आंधियों में भी उड़ानें भरते  हैं,  फड़फड़ा कर बार - बार गिरते हैं। कभी कमजोर नहीं हुआ इनका हौंसला, तिनका- तिनका जोड़ ये बनाते घोंसला। प्रेरणा देती हैं मुझे ये चींटियां , जो चढ़ जाती हैं ऊंची चोटियां। अथाह परिश्रम है इनका प्रण, कर्मक्षेत्र है उनका रण। नहीं है जग में ऐसा उपमान, कोई करता नहीं उद्यम इनके समान। प्रेरणा देती हैं मुझे ये नदियां, जन्मदात्री हैं हिमालय की चोटियां। स्वयं अपने रास्ते बनातीं हैं, जो शांति से लम्बा सफर तय करती हैं। न जाने कितने खेतों को सींचती हैं, न जाने कितने जीवों की तृष्णा बुझाती है। प्रेरणा देते हैं मुझे ये पुष्प, जो कभी किसी से नहीं होते रुष्ट। ये सूर्य की भीषण गर्मी सहकर भी, सर्द हवाओं के थपेड़े सहकर भी, बारिशों के मौसम में भी भीगते हैं।  फिर भी न जाने क्यों ये मुस्कुराते रहते हैं ? Written...

आशीष हिंदी कविता | blessing poem | Ashish kavita

कविता   झुका है तुम्हारा जो शीष, हम देते हैं तुमको आशीष। इस जीवन पथ पर, अपनी इंद्रियों को वश में कर। ज्ञान का दीपक जलाकर, अंधेरों का सामना करना डटकर, पाना विजय हर एक बाधा पर। झुका है तुम्हारा जो शीष, हम देते हैं तुमको आशीष। ना करना तुम कभी अभिमान, करना ना किसी का अपमान। सबसे मिल जुल कर रहना, अकिंचन का सहयोग करना। कर्तव्य पथ पर कभी ना रुकना, सरल सरिता बनकर बहना। झुका है तुम्हारा जो शीष, हम देते हैं तुमको आशीष। क्षितिज की ऊंचाइयों को छू कर भी, रखना अपने पांव जमीन पर । नीलम द्वारा लिखित

मेरी कहानी मेरी कविता | My story My poem in hindi

meri kahani kavita   लोगों के मन में बहुत कालिख है, सीएम अपनी मनमर्जी का मालिक है।  मैं जब छोटा बच्चा था, तभी अच्छा था ! वो बीता समय अब तो नहीं आएगा, लेकिन यह  मुसाफिर कुछ बताएगा। लाड प्यार से मैं पला था,  खुली आंखें लेकर चला था ।  मैं बड़ा मनमौजी था, मस्ती का खोजी था। लोगों के मन में बहुत कालिख है, ये सीएम अपनी मनमर्जी का मालिक है। मुझे नहीं तो शादियों का शौक,  किसमें में दम था जो सीएम को ले रोक। बच्चा बड़ा हुआ, जूनियर से सीनियर बन खड़ा हुआ। खेल कम पढ़ाई ज्यादा, पेरेंट्स टॉप करने पर प्रॉमिस का वादा। धीरे-धीरे समय निकल रहा था, अच्छी बुरी बातें सीख रहा था। मैं सबसे अलग था, छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाता था। सीएम ने पुराने स्कूल को छोड़ा  था, अपनी लाइफ को नई दिशा में मोड़ा था। लोगों ने तालियां बजा दी है, घर वालों ने लकीर का फकीर बनने की सजा दी है।  आप अपनी पढ़ाई पर कायम रहें,  बड़े हो गए हैं अपने आदतें सुधार लो।  मैं तो पत्थर की लकीर मिटता नहीं,  बिना ब्रेक का खिलाड़ी रुकता नहीं है।  हारना बुरी बात नहीं है,  हारके मुस्कुरा दे...

सर्दी कविता | Sardi kavita | Winter hindi poem

   सर्दी कविता sardi kavita सर्दी आ गया भाई,          ओढ़ लो रजाई! किसी को खांसी तो किसी को बुखार है,           बच्चे बूढ़े खांसे जोर से। कुत्ते बिल्ली बोले,      आह ठंडी हवा चलती है चारों ओर से। सब लोगों के दांत किट- किट करते हैं,         क्या बताएं जनाब ? इंसान तो इंसान मच्छर भी,  गर्म हवा के लिए मरते हैं।       सर्दी आ गया भाई, ओढ़ लो रजाई !         अस्पताल में भर्ती मरीज, कुछ नए और कुछ पुराने हैं।         कुछ डॉ साहब की सुनते हैं, और बाकी कम दिमाग हैं।               ये सीएम बड़ा हैरान है, मच्छरों की गुस्ताखी देखकर परेशान है।           बिना इजाजत के घर में घुस आते हैं, बेसुरा गाना सुनाते हैं ।             मच्छरों ने तो व्यापार बढ़ाया है,  कहता है तो हमने मोर्टीन लगाया है।           कीमती खून को पीते हैं, सीएम...

किसान का दर्द कविता

kisan ka dard kavita   दिन रात करता हूं मेहनत,       तुम खाकर बर्गर बनाते हो सेहत ! मैं तपती धूप में हल जोतता हूं,      जानवरों को फसल खाने से रोकता हूं। तुम मंदिर मस्जिद रोज जाते हो,      क्या कभी किसान की हालत देख ले एक बार भी आते हो। खेतों के हो गए टुकड़े,     पसीने में लथपथ रहते हैं हमारे मुखड़े । कारखानों की गंदगी मिलाई पानी में,    कर्ज की वजह से लगाई फांसी जवानी में। बच्चों के लिए पढ़ाई नहीं है,      बूढ़ों के लिए दवाई नहीं है। तुम्हें चाहिए एसी और हिटर,     किसान के बेटे के पास नहीं है अच्छा टीचर। भूखे रहकर करता हूं पैदा अनाज, बाढ़  में कोई नहीं है सुनता मेरी आवाज। क्या हमने तुम्हें वोट दिया नहीं,  फिर क्यों तुमने हमारा कर्ज माफ किया नहीं ? इस दुनिया में कोई भगवान है,        तो वह गरीब किसान है । Written by Chhavi Mishra.

मौसम है बारिशों का कविता

कविता   मौसम है बारिश  का, मन की ख्वाहिशों का । हवाएं भी तेज चल रही है,  धूप भी तेज निकल रही है । बूंदाबांदी हो रही है, यह दुनिया अभी भी सो रही है । जाग जाओ यारों, तितलियां कह रही है। मौसम है बारिशों का, मन की ख्वाहिशों का ।  मेंढकों ने भी टर्र टर्र ,  करना शुरू कर दिया है । बादलों ने भी इंद्रधनुष में,  रंगों को भर दिया है । कहीं बाढ़ आ रही है , तो कहीं जानें जा रही हैं । बिजली कड़की,  अब तो जनता भड़की।  जनता के दिन खोटे , चाय पकौड़ा छोड़  नेता सत्ता में लौटे । यूपी बिहार में हाहाकार , हर जगह है डूबी मोटर कार।  आज बिजली गिरी,  हो गई मौत तीसरी  हर जगह यही है समाचार । मौसम है बारिशों का, मन की ख्वाहिशों का ।

आजादी की लड़ाई हिंदी कविता

                        कविता भारत पर तिरंगा फहराया था, क्योंकि  देशभक्तों ने खून बहाया था।  हिंदुस्तान में मुगलों की नींव रखने बाबर आया था,     मंदिरों को लूट कर मस्जिद बनाई गई थी। जब लुटेरों ने देश पर नजर गड़ा दी,                     तब किसानों को धीरे-धीरे लूटा,  भारत का दिल दिल्ली टूटा ।                 राजवंशों ने तलवार उठाई थी, कई लोगों ने जान लिया था।                भरत पर तिरंगा फहराया था, क्योंकि देश भक्तों ने खून बहाया था।       अब मुगलों से लड़ने मराठा आ गया था, जीजाबाई का शिवा आया था।            धूल चटा कर घोड़ों से गिरा कर, जिस पर मुगलों को भगाया था।              गरीबों का मददगार था एक हाथ में भाला था एक हाथ में तलवार,               किसानों के जीवन म...

जन्मदिन कविता birthday poem

जन्मदिन  कविता birthday poem पता है आज कौन सा day है ?  मेरी बहन का birthday है । दिन-रात है रहता,                        हमें उनका इंतजार  कब आएगी - कब आएगी ?                          यहीं सोचता है, ये c.m. हजार बार । उनकी आंखें हैं कटोरी जैसी,            फूलों की तरह उनकी मुस्कान है। जो करती संघर्ष,           Somya Pandey उनका नाम है। बच्चों की तरह सब के साथ,                  घुल-मिल जाती है वो । अपने तो अपने,           जनाब परायों को भी हंसाती है वो । पढ़ाई में है लगन,                          क्या शादी क्या ब्याह ? जिंदगी को संवारने में लगता है मन । पता है आज कौन सा day है ? मेरी बहन का birthday है । छोटी-सी उम्र में,           ...

राजस्थान की वनस्पति व वन|Rajasthan ke Van

राजस्थान के बारे में और अधिक जानकारी  राजस्थान के लोक देवता राजस्थान में वनस्पति -  राजस्थान  में कई प्रकार की वनस्पतियों पायी जाती हैं। राजस्थान  के कुल क्षेत्र का १०.१२ प्रतिशत है राज्य में सघन वन क्षेत्र 3. 83% ही है राज्य में वनों के भौगोलिक स्थिति में बहुत भिन्नता है। यहाँ की मिट्टी भूमि की स्थिति जलवायु और भूगर्भिक इतिहास से राज्य की वनस्पतियों मैं भिन्नता हैं। इस क्षेत्र में वनस्पतियां तीन प्रकार की पाई जाती हैं घास मरुस्थलीय वनस्पति व वन  राजस्थान में तीन प्रकार के वन पाए जाते हैं 1 कटीले वन 2 शुष्क पतझड़ वाले वन 3 पहाड़ी वन । 1 - कंटीले वन -  राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय शुष्क व अर्ध शुष्क प्रदेशों में पाए जाते हैं चूरू बीकानेर पाली बाड़मेर जैसलमेर सीकर नागौर झुंझुनू आदि जिलों में इस प्रकार की वनस्पति के रूप में यह वनस्पति आकार में छोटी होती है और छोटी-छोटी झाड़ियों में इनकी  की बहुलता होती है इन वनों में बेरों फोरे रोहिड़ा खेजड़ी आदि के वृक्ष व झाड़ियों की बहुलता हैं इन झाड़ियों की जड़ें लंबी होती है और  पत्ते कटीले होते है इस प्रदेश मे...