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Showing posts from April, 2021

हिंदी कहानी बुरी आदत | Hindi story bad habit

  समय पहले की बात है। एक नाई था । एक बार उसके पास एक आदमी बाल कटवाने गया । आदमी के बाल काटने के बाद नाई को पता नहीं क्या सूझा कि उसने आदमी की हजामत बनाने के बाद उसके सिर पर एक बार हाथ से ठोक दिया ।   आदमी ने कुछ नहीं कहा। नाई का दुस्साहस बढ़ गया। आवाज इसकी भी हजामत बनाता सबके सिर पर एक बार हाथ पर जरूर ठोक देता । अब सब लोग उससे परेशान होने लगे। सब लोग उसे कुछ कहने से डरते थे और राजा से शिकायत करने से भी क्योंकि वह राजा का भी नाई था ।  1 दिन राजा को हजामत बनवाने थी । तो उसने नाई को बुलवा भेजा। नई हजामत बनाने लगा। हजामत बनाने के बाद नाई  आदत के अनुसार उसने राजा के सिर पर भी एक बार हाथ से ठोक दिया ।   राजा को आया भयंकर गुस्सा और राजा ने नाई के दोनों हाथ काट देने का आदेश दिया ।  > हिंदी कहानी "गधे की चतुराई" > हिंदी कहानी "बादाम का छिलका" > प्रेरणादायक हिंदी कहानी "अपनी राह चलो" > हिंदी कहानी "दीक्षा" > हिंदी कहानी "जितने मुंह उतनी बातें" > हिंदी कहानी "पढ़ाई का महत्व"

हिंदी कहानी बादाम का छिलका

 एक बार एक साहूकार था। वह अत्यधिक धनी होने के साथ-साथ बहुत कंजूस भी था । वह कभी भी किसी की ना तो सहायता करता था और ना ही दान पुण्य करता था। एक दिन साहूकार और उसकी पत्नी बादाम छीलकर खा रहे थे। इतने में एक गरीब भिखारी आकर भीख मांगने लगा। भिखारी द्वारा अत्यधिक विनती करने पर साहूकार ने बादाम का एक छिलका उसे दान में दे दिया। बिहारी छिलका लेकर चला गया।   कुछ दिनों पश्चात् साहूकार कहीं रात के अंधेरे में जा रहा था। रास्ते में एक गड्ढे में वहां जाकर गिर गया। गड्ढे में घनघोर अंधेरा था उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। थोड़ी देर बाद उसको एक सर्प की फुसफसाहट सुनाई दी ।    साहूकार डर के मारे "मरामरा" कहने लगा । लगातार मरा मरा कहते हुए रामराम का नाम अनजाने में ही उसके मुंह से निकलने लगा ।    अब सर्प ने साहूकार को देखकर उसकी और काटने दौड़ा। किंतु जैसे सर्प साहूकार को ही डसने के लिए अपना फन उठाता वैसे यह बादाम का छिलका उसके फन के आगे आ  आ जाता एवं साहूकार के जीवन की रक्षा हुई।  इस प्रकार अनजाने में ही लिए गए राम के नाम एवं एक छोटे से छोटा किया गया परोपकार भी व्यक्...

मंजिल को पाना है आसान कविता | Motivational Hindi poem

मंजिल को पाना है आसान कविता | Motivational Hindi poem  Written✍ by super CM तेरे सामने है तेरा मुकाम चल कर तो देख रही मंजिल को पाना है आसान यह दुनिया दे चाहे ताने हजार तू कर नहीं सकता, आगे बढ़ नहीं सकता, यहीं रुक जा तू है बेकार अब तुझे इस दुनिया को , शख्स नहीं "शख्सियत" बनकर दिखाना है तुझे पत्थर नहीं , प हाड़ बन जाना है कर मेहनत और बन आसमान आग है तेरे दिल में  तू अब बन महान तेरे सामने है तेरा मुकाम चल कर तो देख रही "हर मंजिल को पाना है आसान" कलम कागज कभी उठाया नहीं और चले हमारे लिए कानून बनाने यह करो यह मत करो चले हमें सिखाने मत सुन  इनकी बातें उठ खड़ा हो और कर कुछ काम कोई साथ हो ना हो तेरे चल तू आगे क्योंकि साथ खड़ा तेरे, तेरा भगवान तेरे सामने है तेरा मुकाम चल कर तो देख राही तेरे साथ खड़ा है तेरा भगवान  ➡ Motivational poem प्रयास ➡  प्रेरणा कविता

Best motivational story in Hindi | अपनी राह चलो कहानी

यह कहानी सुपर सीएम द्वारा लिखी हुई है । copyright© all rights reserved "super CM" इस कहानी का कहीं और प्रकाशन निषेध है।  एक बार की बात है। एक गांव था उस गांव के अंदर जॉनी नाम का लड़का रहता था। उस गांव के आस-पास कोई बस नहीं गई थी लेकिन जॉनी शहर के अंदर जाकर कोई जॉब करना चाहता था सक्सेस पाना चाहता था। उसी गांव के अंदर थॉमस नाम का एक लड़का रहता था। दोनों को ही जॉब चाहिए थी और दोनों के पास एक ही स्किल थी । इसलिए जॉनी और थॉमस दोनों अपने अपने गांव से बाहर निकले शहर जाने के लिए दोनों को ही जंगल से गुजरना पड़ता था क्योंकि वहां बस तो जाती नहीं थी। थॉमस था जो तैरने में अच्छा था और जॉनी पहाड़ चढ़ने में अच्छा था। जॉनी पहली बार शहर जा रहा था इसलिए उसके गांव के बुजुर्ग लोगों ने उसको एडवाइज दी कि तुम पहाड़ चढ़कर गांव को पार करना सर मैं अच्छे से पहुंच जाओगे क्योंकि तुम पहाड़ चढ़ने में अच्छे हो। दूसरी तरफ थॉमस को एडवाइज दी गई कि तुम नदी तैर कर जाना क्योंकि तुम तैरने मैं अच्छे हो  नदी तैरकर आसानी से पार कर लोगे। दोनों गांव से निकल गए और एक दूसरे का साथ मिला । दोनों को ही दो रास्ते मिले एक रास्...