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Showing posts from May, 2025

Multi Layer Farming in Hindi: जानिए तरीका, फायदे और उदाहरण हिंदी में

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  Multi Layer Farming क्या है? यह खेती की एक तकनीक है जिसमें एक ही खेत में अलग-अलग ऊँचाई और जड़ों वाली फसलें एक साथ उगाई जाती हैं। इससे ज़मीन, धूप, और पानी का पूरा उपयोग होता है। कैसे की जाती है Multi Layer Farming? ऊँचाई के अनुसार फसलें चुनी जाती हैं : सबसे ऊपर – जैसे केला, नारियल, आम बीच की ऊँचाई – जैसे मिर्च, टमाटर, पपीता ज़मीन से सटी – जैसे पालक, धनिया ज़मीन के नीचे – जैसे हल्दी, अदरक फसलें एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुँचातीं बल्कि सहायक बनती हैं। सिंचाई और खाद सभी फसलों को मिलती है, पर अलग-अलग ज़रूरत के अनुसार। क्यों करनी चाहिए Multi Layer Farming? खेत की हर परत (ऊपर, बीच, नीचे, ज़मीन के भीतर) उपयोग होती है। कम ज़मीन में ज़्यादा फसलें होती हैं। जल, श्रम और खाद की बचत होती है। एक फसल खराब हो जाए तो दूसरी से आय होती रहती है। मिट्टी की सेहत बेहतर होती है और नमी बनी रहती है। Multi Layer Farming के प्रमुख फायदे उत्पादन ज़्यादा – एक ही खेत से 3–4 फसलें। आमदनी लगातार – साल भर कुछ न कुछ बेचने को मिलता है। कीटों का असर कम – एक फसल दूसरी को बचाती है। मिट्टी की गुण...

पत्थरों से हरियाली तक – एक बहू की आँखों से बदला मेरा गांव

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बीस साल पहले जब मैं इस गांव में बहू बनकर आई थी, तब ये धरती मुझे बेरंग और रूखी सी लगी थी। सिर्फ मिट्टी ही नहीं, ज़िंदगी भी जैसे सूख चुकी थी। गांव अरावली की गोद में बसा था, लेकिन मिट्टी पत्थरों से भरी थी। यहां बारिश साल भर में बस दो या तीन दिन होती थी। खेतों में फसलें सूख जाती थीं, और बारानी पानी जहां गिरता, वहां से बहकर गांव से बाहर निकल जाता। बिजली और पानी दोनों बेशकीमती थे। लाइट दिन में अक्सर चली जाती थी और कई बार तो आंधियों के कारण 15-15 दिन तक अंधेरे में रहना पड़ता था। उस साल ना ट्यूबवेल चले, ना नल आया। यहां तक कि हैंडपंप भी जवाब दे गया उसमें से सिर्फ रेत निकलती थी। आख़िरकार हमें एक पुराने कुएं से पानी खींचना पड़ा जिसकी रस्सी इतनी लंबी थी कि लगता था मानो एक किलोमीटर ज़मीन के नीचे से पानी खींच रहे हों। पानी लाना मेरी जिम्मेदारी थी। एक बहू थी, घूंघट में थी, और गांव के दूसरे छोर पर मंदिर से सिर पर मटका रखकर रोज़ पानी लाती थी पूरे 10 लोगों के लिए। उसी समय NREGA (  NATIONAL RURAL EMPLOYMENT GUARANTEE SCHEME) योजना की शुरुआत हुई। ग्राम पंचायत ने बेरोज़गारों को रोज़गार देने के लिए...