गोस्वामी तुलसीदास | गोस्वामी तुलसीदास जीवन परिचय
गोस्वामी तुलसीदास समाज सुधारक हिंदू धर्म के संरक्षक युग प्रणेता गोस्वामी तुलसीदास की महत्ता उपर्युक्त दोहे से स्पष्ट है सूर सूर तुलसी शशि, उड्डगन केशवदास । अब के कवि खद्योतसम, जह-तह करत प्रकाश ।। तुलसीदास जी का पदार्पण ऐसे समय में हुआ जिस समय भारत का समाज एवं धर्म संकट ग्रस्त था। तुलसी ने अपनी काव्य रचना द्वारा आपदा को यथासंभव टालने का प्रयास किया और इसमें सफलता भी प्राप्त की । बड़ी शक्तियों का विकास कठिनाई में ही होता है । इनका प्रादुर्भाव ऐसे समय में हुआ जब विदेशी आक्रांताओं के दमन एवं शोषण से भारतीय धर्म तथा समाज कराह रहा था लोगों की आस्थाविश्वास एवं धर्म निष्ठा निरंतर शिथिल एवं निर्जीव होती जा रही थी परोपकारी तुलसीदास ने गहराई से लोकमानस को टटोला और उसके समाधान के लिए राम के लोक रक्षक चरित्र को जनमानस के सम्मुख प्रस्तुत किया एवं प्रकाश स्तंभ बन कर जन्म जन्म का मार्ग आलोकित किया । जीवन परिचय - उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गांव में संवत् 1589 के लगभग तुलसीदास जी का जन्म माना जाता है । इनके पिता जो कि एक सरयूपारीण ब्राह्मण थे उनका नाम आत्माराम...