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Showing posts from March, 2025

सहजन ( Moringa Oleifera) की खेती: कम लागत में ज्यादा मुनाफा, जानिए पूरी प्रक्रिया

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आज के समय में जब पोषण और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं, सहजन (Moringa Oleifera) तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसे "सुपरफूड" कहा जाता है क्योंकि इसकी पत्तियाँ, फलियाँ, बीज और जड़ सभी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। सहजन न केवल शरीर के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। इस ब्लॉग में हम सहजन के पोषण, औषधीय गुणों और इसकी खेती पर विस्तृत चर्चा करेंगे  सहजन क्या है? सहजन (Moringa) एक तेजी से बढ़ने वाला, सूखा-प्रतिरोधी वृक्ष है, जो मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाता है। इसकी पत्तियाँ, फलियाँ (ड्रमस्टिक्स), बीज और जड़ें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। अन्य नाम: • हिंदी: सहजन, सुजना, मुनगा • अंग्रेजी: Drumstick Tree, Moringa • संस्कृत: शिग्रु • तमिल: முருங்கை (Murungai) सहजन के पोषण और स्वास्थ्य लाभ 1. पोषण से भरपूर सुपरफूड सहजन की पत्तियाँ कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं: • प्रोटीन: अंडे से अधिक प्रोटीन प्रदान करता है। • विटामिन A: गाजर से अधिक मात्रा में होता है, जो आँखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। • विटामिन C: संतरे से ...

बाओबाब की खेती और बिज़नेस: कम लागत में अधिक मुनाफे वाला सुपरफूड व्यवसाय

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TABLE OF CONTENT  बाओबाब वृक्ष (एडानसोनिया) परिचय पारिस्थितिक भूमिका, उनका उपयोग  भारत में बाओबाब (Baobab) पेड़ बाओबाब पेड़ का महत्व: भारत में बाओबाब (गोरक्षी) की खेती और व्यवसायिक उपयोग  बाओबाब खेती और बिज़नेस प्लान (Baobab Farming & Business Plan) बाओबाब वृक्ष ( एडानसोनिया) परिचय  - बाओबाब वृक्ष (एडानसोनिया) अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और मेडागास्कर का एक प्रतिष्ठित और लंबे समय तक जीवित रहने वाला वृक्ष है। इसे अक्सर "जीवन का वृक्ष" कहा जाता है क्योंकि इसकी विशाल तने में पानी जमा करने की क्षमता होती है, जो इसे शुष्क क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाती है।  वैज्ञानिक नाम: एडानसोनिया ऊंचाई: 30 मीटर (98 फीट) तक बढ़ सकता है जीवनकाल: कुछ पेड़ 1,000 साल से ज़्यादा जीते हैं, जबकि कुछ 2,500 साल तक जीते हैं जल भंडारण: तने में हज़ारों लीटर पानी समा सकता है पत्तियाँ और फल: पत्तियों का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है "बंदर की रोटी" के नाम से मशहूर यह फल विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है पारिस्थितिक महत्व: जानवरों के लिए भोजन और आश्रय...

Carbon Farming | कैसे मदद करता है Biochar रेगिस्तानी और पथरीली मिट्टी में ?

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 TABLE OF CONTENT  कैसे काम करता है Carbon Farming? फायदे Biochar: मिट्टी सुधारने और कार्बन संग्रहण की तकनीक Biochar कैसे बनता है? Biochar के फायदे: Biochar और Carbon Farming क्या Biochar खेती के लिए उपयोगी है? Carbon Farming एक कृषि पद्धति है, जिसमें वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करके मिट्टी और पौधों में संग्रहीत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करना और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना होता है। कैसे काम करता है Carbon Farming? यह विभिन्न कृषि तकनीकों और पद्धतियों का उपयोग करके कार्बन को स्थायी रूप से मिट्टी और जैविक पदार्थों में संग्रहीत करता है। इसमें शामिल हैं: Cover Cropping – मिट्टी को ढकने के लिए विशेष फसलें उगाना, जिससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ती है। No-Till Farming (बिना जुताई खेती) – मिट्टी को बार-बार जोतने से बचना ताकि कार्बन मिट्टी में ही रहे। Agroforestry (कृषि वानिकी) – खेती के साथ पेड़-पौधों को उगाना, जो अधिक CO₂ अवशोषित करते हैं। Managed Grazing (नियंत्रित चराई) – पशुओं को सही तरीके से चराने से मिट्टी की गुणवत्ता बन...