Posts

Showing posts from February, 2024

अलंकार की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित

  हिन्दी काव्य में अलंकार किसे कहते हैं ? हिन्दी काव्य में अलंकार , शब्दों को सजीवता और सौंदर्य से भरने वाले उपकरणों को कहा जाता है। इससे कविता में रस, भाव, और छवियों का निर्माण होता है। हिन्दी काव्य में अलंकार कितने भेद होते हैं ? हिन्दी काव्य में अलंकारों को सामान्यत: चार भेदों में वर्गीकृत किया जा सकता है: • शब्दालंकार (Sound Figures): इसमें शब्दों की विशेष आवृत्ति, शब्दों के सम्बंध में विशेष रूपांतर, या ध्वनि विशेषता का उपयोग किया जाता है। उदाहरण: अनुप्रास, यमक, अपभ्रंश इत्यादि। • अर्थालंकार (Sense Figures): इसमें शब्दों के अर्थ का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। उदाहरण: उपमेय, उपमेयोक्ति, अनित्याभास इत्यादि। • तात्पर्य अलंकार (Contextual Figures): इसमें शब्दों का वाक्य के साथ संपृक्ष्ट रूप से उपयोग किया जाता है। उदाहरण: तात्पर्य, अवक्रान्ति, अपरांक इत्यादि। • उदात्तादीर्घ अलंकार (Prosodic Figures): इसमें शब्दों की मात्राओं और विराम चिन्हों का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। उदाहरण: अंत्यातिनय, अत्याह्लाद इत्यादि। शब्दालंकार (Sound Figures ) कई प्रकार के होते हैं...